top of page
  • Mohd Zubair Qadri

बदायूं कोर्ट का फैसला, ज्योति अपहरण कांड में पूर्व विधायक योगेंद्र सागर को उम्रकैद, 30 हजार जुर्माना


यूपी बदायूं। जिले के बिल्सी के बहुचर्चित कांड में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक योगेन्द्र सागर को शनिवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने उम्र कैद के साथ 30 हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई है। योगेन्द्र सागर के बेटे अब भारतीय जनता पार्टी से विधायक हैं।


बदायूं के बिलसी में 2008 में स्नातक की छात्रा के अपहरण और दुष्कर्म मामले में पूर्व विधायक योगेन््द्र सागर को विशेष कोर्ट ने उम्रकैद समेत 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। योगेन्द्र सागर बहुजन समाज पार्टी से विधायक थे। अब उनके बेटे कुशाग्र सागर बिसौली से भाजपा विधायक हैं। योगेन्द्र सागर बसपा से विधायक थे और वर्ष 2008 में उनके ऊपर स्नातक की छात्रा के अपहरण के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था। उसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद जांच की थी। जिस समय यह घटना हुई थी, उस समय बसपा शासन में थी। योगेन्द्र सागर बिल्सी से बसपा के विधायक भी थे।


बसपा के शासन से हटने के बाद से इस मामले की जांच ने गति पकड़ी और योगेन्द्र सागर के साथ अन्य दो आरोपितों तेजेन्द्र सागर और मीनू शर्मा को पहले ही उम्रकैद की सजा हो गई। पूर्व विधायक योगेन्द्र सागर को 23 अप्रैल 2008 को बिल्सी की छात्रा के अपहरण तथा सामूहिक दुषकर्म के मामले में करीब 13 वर्ष बाद सजा मिली है।


योगेन्द्र सागर के खिलाफ शनिवार को एमपी/एमएलए कोर्ट सुनवाई की गई। एमपी-एमएलए कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार ने सुनवाई के बाद योगेन्द्र सागर को भी उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ 30 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने दोपहर में ही अदालत ने पूर्व विधायक को दोषी करार दिया और करीब तीन बजे सजा सुनाई। इस मामले में पीड़ित छात्रा शादी करके अपना घर बसा चुकी है।

bottom of page