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  • Mohd Zubair Qadri

बदायूं उघैती गैंगरेप केस में बड़ा सवाल, पोस्टमार्टम के दौरान क्यों नहीं कराई गई वीडियोग्राफी


यूपी। बदायूं के उघैती थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले की जांच में पुलिस पर लग रहे लापरवाही के आरोपों के बीच पता चला है कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने महिला के शव की पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी नहीं कराई है। बदायूं के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. यशपाल सिंह ने इस संदर्भ में पूछे जाने पर कहा, प्रशासन ने वीडियोग्राफी कराने के कोई भी निर्देश नहीं दिए थे, इसलिए शव की पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी नहीं कराई गई।


डॉ. सिंह ने कहा, यदि प्रशासन उन्हें निर्देश देता, तो वह अवश्य ही पोस्‍टमार्टम की वीडियोग्राफी कराते। महिला के शव का पोस्टमार्टम मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया था। जानकारों का कहना है कि महिलाओं से बलात्कार अथवा अन्य संदिग्ध मामलों में पैनल द्वारा की जाने वाली पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञ पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी देखकर अपनी राय दे सकें।


पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अति रक्तस्राव से महिला की मौत हुई। हड्डी टूटने के साथ शरीर के कई अंगों पर चोटें भी मिलीं। प्राइवेट पार्ट में रॉड डालने और सामूहिक दुष्कर्म की बात कही जा रही है। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद जब पुलिस-प्रशासन की फजीहत हुई तो आननफानन इंस्पेक्टर और हलका इंचार्ज को निलंबित करने के साथ उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई। डीएम कुमार प्रशांत ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट लीक होने को लेकर मजिस्ट्रेट जांच बैठा दी। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी क्यों नहीं कराई गई। इस लेकर सीएमओ और सीएमएस एक-दूसरे पर बात डाल रहे हैं। जबकि एडी हेल्थ डॉ. एसपी अग्रवाल स्वीकार कर रहे कि वीडियोग्राफी होनी चाहिए।

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