- Nation Buzz Editor
बदायूं: नगर पालिका पर लोगों ने लगाया वसूली का आरोप

नगर पालिका परिषद बदायूं द्वारा गृह कर एवं जलकर के नाम पर लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। गृह कर के रूप में नगर पालिका के द्वारा भारी भरकम धनराशि का नोटिस नागरिकों के घर भेजा जा रहा है। साथ ही ये भी हिदायत दी जा रही है कि नगर पालिका कार्यालय पहुंच कर इस अवैध वसूली को कम करा सकते हैं ।
यूपी बदायूं। पहले जल कर का मामला देखा जाए तो आज टेक्नोलॉजी के दौर में भी नगर पालिका द्वारा पानी के कनेक्शन पर मीटर लगाने जैसे प्रावधान को आम तौर पर पालन ही नहीं किया गया है । केवल मकान के क्षेत्र फल के हिसाब से जल कर का निर्धारण किया गया है जोकि काफी हास्यास्पद है । इसको एक उदहारण से समझ लेते हैं । यदि किसी मकान का क्षेत्र फल 1000 गज़ है परंतु उसमें रहने वालों की तादाद केवल 3 है तो उस मकान से जल कर क्षेत्र फल एवं मकान की स्थिति के आधार पर ही वसूला जाएगा जोकि अत्यधिक है वहीं अगर किसी मकान का क्षेत्र फल केवल 200 गज़ है परंतु उसमें रहने वालों की तादाद 12 है तो उनसे जल कर मकान के क्षेत्र फल और स्थिति के आधार पर वसूला जाएगा जोकि काफी कम होगा ।
पुरानी नियमावली को आधार बना कर किया जा रहा शोषण
प्रदेश के नगर निगमों में संपत्ति कर की वसूली के लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम (संपत्ति कर) नियमावली-2000 लागू है। नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर लगाने की कोई नियमावली नहीं थी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मान्य योगी आदित्यनाथ जी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 16 मार्च 2021 को ई- कैबिनेट से उत्तर प्रदेश नगर पालिका (भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली 2021 को मंजूरी दी । नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के लिए नियमावली न होने की वजह से संपत्ति कर वसूली में मनमाना रवैया अपनाया जाता रहा है इसीलिए उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 में दी गई व्यवस्था के अनुसार नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर निर्धारण की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश नगर पालिका (भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली-2021 को मंजूरी दी गई जिसके चलते पुरानी नियमावली 1916 पूरी तरह से निष्किर्य हो जाती है ।

ग्रह कर की गणना कई चीजों पर आधारित है । जैसे कि किसी भी मकान में निर्मित क्षेत्र कितना है या मकान कितना पुराना है, मकान स्वामी खुद रहता है या किरायदार के पास है मकान लबे सड़क है या गली में है आदि। उदाहरण के लिए 10 साल से पुराने भवनों में अगर भवन स्वामी स्वयं रह रहा है तो उसे 25 प्रतिशत छूट मिलेगी। इसी तरह 10 से 20 साल पर साढ़े 32 प्रतिशत और 20 साल से अधिक पुराने भवन पर 40 फीसदी छूट दी जाएगी। अगर ऐसे भवनों में भवन स्वामी नहीं रहता है और किराए पर चल रहा है तो 10 साल पुराने भवन पर 25 फीसदी, 10 से 20 साल पुराने भवन पर साढ़े 12 फीसदी अधिक गृहकर लिया जाएगा, लेकिन 20 साल पुराने भवनों पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लिया जाएगा। परंतु बदायूं नगर पालिका ने इस तरह के सभी नियमों को ताक पर रखते हुए मन माने ढंग से ग्रह कर एवं जल कर का निर्धारण कर दिया है जो कि कार्यकाल समाप्त होते-होते अंधेरे में तीर चलाने जैसा है ।
वहीं नगर पालिका के एक जिम्मेदार अधिकारी ने नियमावली 2021 मौजूद होने के बावजूद पुरानी नियमावली 1916 को आधार बना कर की जा रही इस अवैध वसूली को जायज ठहराने की कोशिश की है ।
अब नगरवासियों की निगाह और आस ज़िला प्रशासन पर टिकी है कि वे इस अवैध वसूली के खेल से शहरवासियों को किस तरह राहत देते हैं ।
बुधवार को पानी और गृहकर के नोटिस पहुंचने पर शहर के मोहल्ला कबूलपुरा की महिलाओं ने ईओ को पर्जी तरीके से तैयार किए गए बिलों को दिखाते हुये हंगामा करते हुए नाराजगी जताई। आरोप था,कि उनके यहां अभी तक पानी की सप्लाई को कोई कनेक्शन नहीं कराया है बावजूद इसके पालिका ने नोटिस जारी किया। महिलाओं ने पालिका ईओ से मामले की जांच कर समस्या के समाधान की मांग की।
ईओ डॉ. दीप कुमार ने बतया कि कोई बिल फर्जी नहीं है, पानी का कनेक्शन पहले होगा तो कटवाया नहीं होगा। रही बात गृहकर की तो चाहे एक कमरा हो या अधिक पालिका द्वारा तय किया गया गृहकर सभी को अदा करना है।