- Mohd Zubair Qadri
आचार संहिता लगने के बाद टिकट के लिए लखनऊ से दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे दावेदार

यूपी बदायूं। आचार संहिता लगते ही चुनावी माहौल लगातार गर्माता जा रहा है। टिकट के लिए दावेदारों ने भी भागदौड़ तेज कर दी है। पार्टी जिला मुख्यालय से लेकर हाईकमान तक दबाव बनाने के लिए जोड़तोड़ की जा रही है। इसके लिए राजनीतिक और जातिगत समीकरणों को अपने हिसाब से पेश किया जा रहा है।
निकाय चुनाव को लेकर जिले में दिसंबर 2022 से हलचल मची है लेकिन दो दिन पहले आचार संहिता लगने के बाद इसमें और तेजी आई। बदायूं नगर पालिका सीट महिला के लिए आरक्षित है, इस सीट पर काबिज होने के लिए कई चेहरे चुनाव मैदान में आने को तैयार हैं। टिकट के लिए सबसे ज्यादा घमासान भाजपा में है।
भाजपा से टिकट के दावेदारों में सबसे ज्यादा वैश्य और ब्राह्मण वर्ग के लोग हैं। इनमें मौजूदा और पूर्व विधायक की पत्नी व पुत्रवधू, मौजूदा व पूर्व जिलाध्यक्ष की पत्नी व बेटी भी शामिल हैं। कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो 10 साल से जनता के बीच रहकर पार्टी के लिए निष्ठा से काम कर रहे हैं। हर कोई अपने परिवार के रसूख और बड़े नेताओं से संपर्कों के सहारे टिकट की जुगत में है।
इधर, कांग्रेस से अब तक सिर्फ एक ही नाम सामने आया है। बसपा से भी करीब पांच महिलाओं ने टिकट के लिए आवेदन किया है। सपा से एक पूर्व विधायक की पत्नी समेत करीब आधा दर्जन दावेदार हैं। हालांकि सपा से किसी मुस्लिम महिला के ही चुनाव मैदान में आने की बात कही जा रही है। कुछ दावेदार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सीधे संपर्क में है। हालांकि उन्होंने अपना आवेदन जिला स्तर पर भी दिया है लेकिन सपा से टिकट किसको मिलेगा, यह हाईकमान ही तय करेगा।
ये हैं जातिगत आंकड़े
ब्राह्मण- 9500 क्षत्रिय- 4500 वैश्य- 14000 कायस्थ- 6500 पंजाबी- 2700 साहू- 6000 मौर्य- 5000 प्रजापति- 2500 यादव- 2000 पाली- 1000 कश्यप- 5000 कुर्मी- 2500 स्वर्णकार- 1200 लोधी- 1000 पटवा- 500 जाटव- 4500 धोबी- 2000 बाल्मीकि- 3000 ईसाई- 500 मुस्लिम- 50000