- Mohd Zubair Qadri
लापरवाही अस्पताल की मोर्चरी में शव रखकर भूला सिपाही, होगी कार्रवाई इलाके में फैली दुर्गंध

बदायूं। लावारिस शव का वारिस नहीं मिला तो पुलिस शव को ही भूल बैठी। मोर्चरी में बदबू से परेशान कमिर्यों ने शिकायत की तो भेद खुला कि अज्ञात में यहां पुलिस शव रखवा गयी। सात दिन बाद भी उसका पोस्टमार्टम नहीं कराया। जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखे अज्ञात शव की कोतवाली पुलिस की लापरवाही से दुर्दशा हो गई। सात दिन से रखा शव काफी सड़ चुका है। उसमें कीड़े पड़ गए। आसपास इलाके में दुर्गंध फैली तो कोतवाली पुलिस को दोबारा सूचना दी गई। तब कहीं जीआरपी से मीमो मिला और उसका पंचायतनामा भरा गया।
मामला एसएसपी तक पहुंचा तब पुलिस ने हाथ पांव चलाये और शव जीआरपी के जिम्मे आया। शनिवार तीन दिसंबर को शव का पोस्टमाार्टम कराया जायेगा। वहीं कोतवाली पुलिस में लापरवाही करने वाले सिपाही पर कार्रवाई की तलवार लटक गयी है। जांच के बाद कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
गश्ती पुलिस को रेलवे स्टेशन पर बुधवार 23 नवंबर को एक व्यक्ति बेहोशी की हालत में मिला था। जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार 24 नवंबर की सुबह को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर शिनाख्त कराने की कोशिश की लेकिन उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी। पुलिस ने 72 घंटे तक शिनाख्त हो सके, इसलिए शव को जिला अस्पताल की मोर्चारी में रखा दिया था।
चार साल पहले अज्ञात शवों का तुरंत पोस्टमार्टम करा दिया जाता था। फिर 72 घंटे के लिए मोर्चरी में पहचान कराने के लिए रखा जाता था। समय पूरा होने के उपरांत अंतिम संस्कार होता था। उस दौरान मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे पर एक युवक की मौत हो गई थी। पुलिस ने उसके शव का 72 घंटे से पहले पोस्टमार्टम करा दिया था। इस पर परिवार वालों ने एतराज जताया था। उस वक्त तत्कालीन एसएसपी अशोक कुमार ने 72 घंटे बाद ही पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिए थे। तब से यही नियम चला आ रहा है।