- Mohd Zubair Qadri
शहर से देहात तक बिजली संकट, लगातार कटौती से लोगों में गुस्सा हल आज तक नहीं

यूपी बदायूं। शहर से लेकर देहात तक बिजली कटौती, लो वोल्टेज और ट्रिपिंग के कारण लोगों में उबाल है। खासकर देहात में बुरा हाल है। सिंचाई न होने से फसलें सूख रहीं हैं। शिकायत के बाद भी पावर कॉरपोरेशन सुधार की कोशिश नहीं कर रहा। और तो और शिकायत शासन तक होने के बावजूद स्थिति नहीं सुधर रही। बुधवार को भी जिले में उघैती और दातागंज में बिजली कटौती को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ।
शहर में कई इलाकों में बुधवार को भी बिजली की ट्रिपिंग के कारण लोग परेशान रहे। पनबड़िया फीडर से जुड़े शहर के इलाकों, शिवपुरम, ब्रह्मपुर के अलावा ढाक के वाली ज्यारत फीडर से जुड़े मोहल्लों, मंडी समिति के अलावा कई इलाकों के लोग परेशान रहे।
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उघैती में बिजली उपकेंद्र पर ताला डाला, पुलिस बुलानी पड़ी
कई गांवों में लंबे समय से बिजली की समस्या, सूखने लगी हैं फसलें
संवाद न्यूज एजेंसी
उघैती। बिजली कटौती, बार-बार ट्रिपिंग और लो वोल्टेज की समस्या को लेकर बुधवार को ग्रामीणों का धैर्य टूट गया। कई गांवों के ग्रामीण एकत्र होकर बिजली उपकेंद्र पर पहुंच गए। यहां ग्रामीणों ने प्रदर्शन करने के साथ उपकेंद्र पर ताला डाल दिया। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए पुलिस बुलानी पड़ी।
उघैती उपकेंद्र से निकलने वाले ज्यादातर फीडरों पर बिजली सप्लाई का बुरा हाल है। जरसैनी फीडर से जुड़े गांवों में 24 में बमुश्किल दो घंटे ही सप्लाई मिल पा रही है। कटौती, ट्रिपिंग और लो वोल्टेज के कारण नलकूप नहीं चल पा रहे। इससे सिंचाई प्रभावित हो रही है। अन्य फीडरों पर भी यही हाल है। बार-बार शिकायत के बाद भी सुनवाई न होने पर ग्रामीणों ने बुधवार को उपकेंद्र को घेर लिया। जेई राजेश चंद्र का कहना है कि फीडर ओवरलोड होने के कारण एक साथ पूरी लाइन नहीं चलाई जा पा रही है। एस्टीमेट भेजा गया है। जहां भी कमियां हैं उनको दूर कराया जाएगा। ग्रामीणों ने जब जेई की नहीं सुनी तो पुलिस ने उनको समझा बुझाकर शांत कराया।
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दातागंज में गुस्साए ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय घेरा, नारेबाजी
दातागंज। नगर समेत आस-पास के कस्बों और गांवों में बिजली समस्या को लेकर कई दिन से प्रदर्शन चल रहा है। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा। बुधवार को कई गांवों के ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। नारेबाजी करने के बाद एसडीएम पारसनाथ मौर्य को ज्ञापन दिया।
दातागंज में डहरपुर और समरेर फीडर पर सबसे ज्यादा समस्या बनी हुई है। चार दिन पहले बिजली कटौती के विरोध में ग्रामीणों ने कई घंटे तक बरेली-दाजागंज रोड पर जाम लगाया था। इसके बाद भी कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
बुधवार को शैलेश पाठक के नेतृत्व में कई गांवों के ग्रामीण नारेबाजी करते हुए तहसील मुख्यालय पहुंचे। यहां एसडीएम कार्यालय का घेराव किया और ज्ञापन दिया। एसडीएम ने दो दिन के भीतर स्थिति में सुधार का भरोसा दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए। इस मौके पर राममूर्ति, सर्वेश, बादाम सिंह, भगवा दास, रामबीर, पप्पू, नन्हे, स्वदेश सिंह, रामगिरी समेत लगभग 50 गांवों के ग्रामीण उपस्थित रहे।
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भटौली में पांच दिन बाद भी नहीं बदला ट्रांसफार्मर
दातागंज। क्षेत्र के गांव भटौली में पांच दिन पहले ट्रांसफार्मर फुंक गया था। बार-बार शिकायत के बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं बदला जा सका है। पूरे गांव में बिजली सप्लाई ठप है। इससे ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना हो रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि अगर दो दिन के भीतर ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया तो वह भी आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
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ज्यादातर इलाकों को 24 घंटे बिजली मिल रही है। जहां भी कमियां हैं उनको दूर कराया जा रहा है। दातागंज में ओवरलोडिंग की समस्या है। कई उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि प्रस्तावित है। जहां भी लाइनें खराब हैं उनको भी बदलवाने को एस्टीमेट भेजा गया है। जल्द ही सुधार होगा।
-दीपक कुमार, अधीक्षण अभियंता
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बिजली कटौती पुरानी समस्या, हल आज तक नहीं
दातागंज में बिजली कटौती की समस्या काफी पुरानी है। अधिकारी सुनते ही नहीं। चुनाव के समय वादे तो होते हैं, लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं होती। बिजली कटौती से काफी समस्या होती है।
-दिनेश गुप्ता, दातागंज
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बिजली कटौती, लो वोल्टेज और ट्रिपिंग से हर वर्ग परेशान है। हालात लगातार खराब हो रहे हैं। उपकेंद्रों की क्षमता में इजाफा नहीं किया जा रहा है। जर्जर लाइनों के कारण हादसे और लोकल फाल्ट होते हैं।
-वाहिद अंसारी, दातागंज
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लो वोल्टेज और बिजली कटौती के कारण नलकूप नहीं चल पाते। धान का सीजन चल रहा है। धान कर सिंचाई की ज्यादा जरूरत होती है। बिजली कटौती के कारण फसल सूखने के कगार पर है।
-छोटू पाराशरी, उघैती
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किसान की कोई सुनने वाला नहीं। उघैती में बिजली संकट काफी पुराना है। सरकारें बदलती हैं, लेकिन बिजली संकट जस का तस बना रहता है। फसलें सूखने से किसान का नुकसान हो रहा है।
-प्रभाकर कटिया, उघैती