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  • Mohd Zubair Qadri

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बदायूं में मीडिया से बनाई रखीं दूरियां कासगंज के लिए रवानगी


यूपी बदायूं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार रात रामपुर से बदायूं पहुंचे। यहां कई जगह उनका समर्थकों ने भव्य स्वागत किया तो कई जगह स्वागत करने को एकत्र हुए सपाइयों को निराशा हाथ लगी। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी दूरी बनाए रखी। इसे बृहस्पतिवार को मुरादाबाद मेें हुई घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। रात रुके एक होटल से अब कासगंज के लिए रवानगी।


सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शुक्रवार रात लगभग आठ बजे बदायूं पहुंचे। उनके समर्थकों ने कई जगह पर उनके स्वागत की तैयारी कर रखी थी। कुंवरगांव समेत शहर के खेड़ा नवादा पर तमाम सपाई पहले ही एकत्र हो गए थे। चूंकि अखिलेश का सरकारी कार्यक्रम यहां साढ़े पांच बजे आने का था, इसलिए उनके समर्थक चार बजे से ही उनका इंतजार कर रहे थे।


कुंवरगांव में पहुंचने पर समर्थकों ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान अखिलेश ने गाड़ी में खड़े होकर ही सपाइयों को धन्यवाद दिया और कहा कि अभी चुनाव में समय है लेकिन यह जोश बनाकर रखना। अब साइकिल को रफ्तार देनी है और भाजपा को उत्तर प्रदेश से हटाना है। इसके बाद नवादा चौराहे पर भी मोहम्मद मियां, यामीन उस्मानी, मोहतशाम सिद्दीकी, फराहत अली आदि ने पूर्व मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया। यहां से होकर वह सीधे होटल चले गए। यहां सुरक्षा व्यवस्था को काफी फोर्स तैनात रहा। सपा के तमाम नेताओं तक को राष्ट्रीय अध्यक्ष से नहीं मिलने दिया गया।


तो पर्दे के पीछे से सपा के लिए काम कर रहे आबिद

बदायूं। पूर्व सदर विधायक व उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आबिद रजा भले ही वर्तमान में सपा में न हों लेकिन पर्दे के पीछे से उनका सपा प्रेम जगजाहिर है। आजम खां से उनकी नजदीकियों के चलते ही न केवल वह कई बार उनकी रिहाई की मांग उठा चुके हैं बल्कि उसके लिए प्रयास भी कर चुुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बदायूं आगमन से पहले रामपुर में उनकी साइकिल रैली में पहुंचकर उन्होंने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सपा से उनकी निकटता कम नहीं हुई है। दरअसल, सपा के राज में आबिद रजा, आजम खां के सबसे खास माने जाते थे। शुक्रवार को जब सपा की साइकिल रैली का आगाज रामपुर से हुआ तो आबिद भी उसमें मौजूद रहे। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि रैली को लेकर आबिद तीन दिन से रामपुर में ही डेरा डाले थे और आजम की अनुपस्थिति के कारण उन्होंने ही वहां की जिम्मेदारी संभाली थी, जिसकी पार्टी में खासी चर्चा है।

कुंवरगांव में अखिलेश मुर्दाबाद के नारों की भी चर्चा

कुुंवरगांव। बताया जाता है कि जब अखिलेश कुंवरगांव में पहुंचे तो कई जगहों पर सपाइयों ने उनके स्वागत करने की तैयारी कर रखी थी। कुछ जगहों पर तो उनका समर्थकों ने फूल बरसाकर स्वागत किया लेकिन बाद में वह रात की वजह से वह मुख्य चौराहे पर नहीं रुके।


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