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  • Mohd Zubair Qadri

हल्द्वानी रेलवे भूमि मामले में SC ने स्वीकार की याचिका, पांच जनवरी को होगी सुनवाई


खबर देश। उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे भूमि की जद में आ रहे बनभूलपुरा के लोग अपने आशियाने बचाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं। अतिक्रमण मामले में प्रभावित परिवारों की ओर से सुप्रीमकोर्ट में सोमवार को पैरवी की गई। कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की याचिका स्वीकार कर ली है। इस मामले में अब सुनवाई पांच जनवरी को होगी।


बता दें कि हाल ही में हाईकोर्ट ने वनभूलपुरा गफूर बस्ती में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्तीकरण करने के आदेश दिए थे। इस जगह पर करीब 4365 घर हैं। इसके बाद प्रशासन की टीम ने सीमांकन भी शुरू किया था। लेकिन लोग तभी से इसका विरोध कर रहे हैं।


लोगों का आरोप है मनमाने ढंग से किए जा रहे सीमांकन और नजूल की ज़मीन को बिना पैरवी राज्य सरकार द्वारा रेलवे को सौप देना अत्याचार से कम नहीं। बनफूलपूरा नामक इलाक़े में ज़्यादातर अल्पसंख्यक आबादी हैं। इस इलाक़े में हज़ारो मकान और अस्पताल स्कूल,बाज़ार आदि भी है।जिन्हें बिना वैकल्पिक व्यवस्था के हटाना सरासर अत्याचार है।


इस बीच हल्द्वानी का वनभूलपुरा रेलवे भूमि प्रकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने इस सम्बन्ध में प्रभावितों की और से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। इस पर 5 जनवरी को सुनवाई होगी। सोमवार को रेलवे के डीआरएम ने स्थानीय प्रशासन के साथ उस इलाका दौरा किया है । हल्द्वानी की ढोलक बस्ती, बनभूलपुरा आदि स्थानों पर रेलवे की भूमि पर बसे लोगों को हटाने के मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को सोशल मीडिया पर खुला पत्र लिखा है । इसमे पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी इस मामले को लेकर कहा है कि यदि 50 हजार से ज्यादा लोगों को हटाया जाएगा, तो यह लोग कहां जाएंगे। हरीश ने कहा है कि कानूनी पक्ष अपनी जगह सही है, लेकिन मानवीय पक्ष देखते हुए कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए।





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