
यूपी। हाथरस में हैवानियत का शिकार हुई 19 साल की पीड़िता की अस्थियां चुनने के लिए उसका परिवार आज वहां पहुंचा जहां प्रशासन ने आधी रात को पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया था. पिछले तीन दिनों से प्रशासन ने परिवार को घर से निकलने नहीं दिया था. आज जब यूपी प्रशासन ने पीड़िता के परिवार को बाहर निकलने की इजाज़त दी, तब पीड़िता का परिवार अपनी बेटी की अस्थियां लेने पहुंचा।
इस दौरान एबीपी न्यूज़ लगातार वहां परिवार के साथ मौजूद रहा. परिवार ने राख के बीच से बेटी की अस्थियां चुनीं. पीड़िता की भाभी के भाई ने कहा कि पुलिसवालों ने उन्हें अस्थियां तक चुनने के लिए बाहर निकलने नहीं दिया. पीड़िता की अस्थियां हाथ में लेकर घर लौटते हुए उन्होंने कहा कि चीज़ें तब बदलेंगी जब डीएम को सस्पेंड किया जाएगा और उन्हें दोबारा कोई ऐसा बड़ा पद नहीं दिया जाएगा. हालांकि परिवार का ये भी कहना है कि जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता है, तब तो वो अस्थि विसर्जन नहीं करेंगे।
डीजीपी और गृह सचिव ने परिवार से की मुलाकात
आज यूपी के डीजीपी एच सी अवस्थी और अपर प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने परिवार से मुलाकात की. मुलाकात के बाद प्रेस कॉनफ्रेंस में अवनीश अवस्थी ने कहा, ''मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम परिवार से मुलाकात करें, बेहद दुखद घटना है. परिवार के प्रत्येक सदस्य उनके पिता, भाई, छोटा भाई, भाभी, बहन सभी से मुलाकात की और बात की. हमने आश्वस्त किया है कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे. मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है, एसआईटी ने अपना काम शुरू कर दिया है।
परिवार ने कहा- जल्दबाज़ी में क्यों किया अंतिम संस्कार
DGP एच सी अवस्थी और अपर प्रमुख सचिव से पीड़ित परिवार ने सवाल किया है कि हमारी बेटी का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार क्यों किया गया. साथ ही डीएम के रवैये की शिकायत भी की. पीड़िता की भाभी ने अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा कि जब तक हमारे सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे तब तक कोई मांग मंजूर नहीं है।