- Mohd Zubair Qadri
आवारा कुत्तों के साथ बंदर भी आक्रामक एआरवी की किल्लत, जिला अस्पताल में लग रही लाइन

यूपी बदायूं। जिले भर में आवारा कुत्तों के साथ बंदर भी आक्रामक होते जा रहे हैं। इनकी संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के एक अनुमान के अनुसार जिले में रोज दो सौ से ज्यादा लोगों को कुत्ते और बंदर घायल कर रहे हैं। इस कारण जिला अस्पताल और सीएचसी, पीएचसी पर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों की लाइन लग रही हैं। इसके विपरीत कई सीएचसी में पिछले 20 दिनों से वैक्सीन नहीं है। जिस कारण लोग निजी चिकित्सकों की शरण में जाने के लिए विवश हैं।
शहर समेत आस-पास के गांवों और उपनगरों में इन दिनों बंदरों का काफी आतंक है। इसके साथ ही इन दिनों कुत्तों के हमलों के मामलों में भी इजाफा हुआ है। आवारा कुत्ते काटकर लोगों को घायल कर रहे हैं। जिला अस्पताल में ही इन दिनों प्रतिदिन 120-150 ऐसे लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने आ रहे हैं जिला अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट प्रदीप चतुर्वेदी का कहना है कि अस्पताल में प्रति दिन औसतन वैक्सीन की 30 से 35 वायल खर्च हो रही हैं। एक वायल से चार लोगों को एआरवी की डोज दी जाती है। रविवार अवकाश की वजह से सोमवार को खासकर ज्यादा वायल खर्च होती हैं। वैक्सीन लगवाने के लिए शहर समेत आस-पास के गांवों और कस्बों के लोग भी आते हैं। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन को पिछले दिनों दो हजार वायल की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन 800 वायल की ही सप्लाई मिल सकी।
सर्दियों में बढ़ जाती हैं कुत्तों के हमलों की घटनाएं
सीएचसी रुदायन व इस्लामनगर के फार्मासिस्ट अजीत सिंह का कहना है कि सर्दियों का सीजन शुरू होने के साथ कुत्तों के काटने के मामले बढ़ गए हैं। सीएचसी पर प्रतिदिन काफी संख्या में लोग वैक्सीन लगवाने आ रहे हैं। फिलहाल वैक्सीन उपलब्ध है। जिला मुख्यालय के लिए डिमांड भी भेजी गई है। इसके विपरीत कुंवरगांव स्वास्थ्य केंद्र पर काफी समय से एआरवी नहीं है। यहां के लोगों को घटपुरी सीएचसी और जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ती है। कुंवरगांव स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. अवधेश ने बताया कि वैक्सीन के लिए डिमांड भेजी गई है।
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बिसौली और वजीरगंज सीएचसी पर 20 दिन से वैक्सीन नहीं
बिसौली और वजीरगंज सीएचसी पर करीब 20 दिन से एआरवी नहीं है। बिसौली चिकित्साधीक्षक डॉ. रोहित कुमार ने बताया कि डिमांड भेजी गई है। सीएचसी पर रोज 20 से 30 लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आ रहे हैं। वैक्सीन न होने के कारण उनको वापस भेजना पड़ता है। एक-दो दिन में वैक्सीन की सप्लाई मिल जाएगी। आमतौर पर दिसंबर से मार्च तक कुत्तों के हमलों में इजाफा हो जाता है। इन दिनों बंदरों के हमलों में घायल लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। वजीरगंज सीएचसी से भी लोगों को बिना वैक्सीन लगवाए वापस जाना पड़ रहा है।
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वैक्सीन के नाम पर वसूली भी
सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन के नाम पर लोगों से वसूली के मामले भी सामने आते हैं। 20 मार्च 2021 को सहसवान सीएचसी के चीफ फार्मासिस्ट जगप्रसाद भारती और चतुर्थ श्रेणी संविदा कर्मी विकास वर्मा का वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में चीफ फार्मासिस्ट वैक्सीन लगाने के नाम पर दो सौ रुपये ले रहा था। वीडियो सामने आने के बाद जग प्रसाद भारती का तबादला कर दिया गया था। दरअसल, कई अस्पतालों में फार्मासिस्ट वैक्सीन की किल्लत दिखाकर इसके बदले वसूली करते हैं।
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सैदपुर सीएचसी को एक साल बाद मिली वैक्सीन पर लगी फिर भी नहीं
सैदपुर सीएचसी पर करीब एक साल से वैक्सीन नहीं थी। शुक्रवार को यहां वैक्सीन की 70 वायल की सप्लाई मिली है। इसके बाद भी लोगों को बिना वैक्सीन लगवाए लौटना पड़ रहा है। दरअसल, वैक्सीन के साथ शर्त यह है कि जब कम से कम चार लोग एक साथ वैक्सीन लगवाने आएंगे तभी वायल को खोला जाएगा। ऐसे में कई बार लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है और बिना वैक्सीन लगवाए ही लौटना पड़ता है।
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मांग के अनुरूप सप्लाई न मिलने के कारण कुछ बार वैक्सीन को लेकर समस्या हो जाती है। इन दिनों वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल में पर्याप्त एआरवी की उपलब्धता है। अगर किसी सीएचसी या पीएचसी पर एआरवी नहीं है तो वहां उपलब्ध कराई जाएगी।
डॉ. विक्रम सिंह पुंडीर, सीएमओ