top of page
  • Mohd Zubair Qadri

रंगों का त्योहार होली शुक्रवार को मोदी-योगी के मुखौटों की खासी मांग बाजारों में उमड़े लोग


बदायूं। रंगों का त्योहार होली शुक्रवार को है। सोमवार को रंगभरी एकादशी से रंग भी शुरू हो जाएगा। इससे पहले थोक से लेकर फुटकर बाजार तक खरीदार बढ़ने से बाजारों में रौनक है। इस बार होली पर चीन के उत्पादों का रंग उड़ा हुआ है। व्यापारी खुद बताते हैं कि मार्च 2020 में लॉकडाउन से पहले रंगों और पिचकारी के बाजार पर चीन का करीब 60 फीसदी कब्जा था। कोरोना की पहली लहर के बाद से ही लोगों ने चीनी उत्पादों से दूरी बनानी शुरू कर दी। अब इसका असर दिखने लगा है।


बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग में इजाफा हुआ है। भारतीय उत्पादों में कलर स्प्रे, मुखौटे, रंग, गुलाल, टोपी, रंग बिरंगे बाल आदि खूब बिक रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार जिले में होली पर रंगों-पिचकारियों का करीब पांच करोड़ का कारोबार होता है। कपड़ों, जूता-चप्पल और मिठाइयों का कारोबार इससे अलग है।


नगर पालिका खैराती चौक बाजार के दुकानदार अंकित साहू ने बताया कि इस बार बाजार में चीन के माल की हिस्सेदारी बमुश्किल 20 प्रतिशत के आस-पास ही है। पक्के रंग से ज्यादा गुलाल की बिक्री हो रही है। मोदी-योगी के मुखौटों की खासी मांग है।

-

चीन के गिने चुने आइटम बाजार में

थोक कारोबारी राकेश का कहना है कि भारतीय कंपनियों ने भी चीन की तर्ज पर माल तैयार करना शुरू कर दिया है। पहले कई तरह की पिचकारी चीन से आती थीं, लेकिन इस साल बाजार में चीन पिचकारी न के बराबर हैं। कुछ आइटम जैसे हेयर कैप, मुखौटे, कलर स्प्रे, जंबो गुब्बारे ही चीन से आ रहे हैं।

-

कोरोना संक्रमण ने भी घटा दी चीनी उत्पादों की मांग

व्यापारी सुनील गुप्ता का कहना है कि आमतौर पर होली और दिवाली के 60 फीसदी से ज्यादा बाजार पर चीन का कब्जा रहता था, लेकिन दो साल पहले कोरोना संक्रमण के बाद से बाजार में चीनी उत्पादों की मांग गिरी है। थोक व्यापारी भी अब चीन के उत्पादों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। बाजारों में दिख रहे चीन के उत्पाद काफी पुराने हैं। उत्पादों पर सरकार ने भी कस्टम ड्यूटी भी बढ़ा दी है। इसके बाद भारतीय और चीन के उत्पादों की कीमतों के बीच ज्यादा अंतर नहीं बचा है।

-

सावधान ! कहीं बीमार न कर दे रंग-बिरंगे कचरी-पापड़

होली पर बाजारों में रंग-बिरंगे कचरी पापड़ की भी भरमार है। कई उत्पादों में तो रसायनिक रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बार खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की सक्रियता भी कम दिख रही है। पिछले साल के मुकाबले इस साल खाद्य पदार्थों के नमूने भी कम लिए गए हैं। शहर में कई स्थानों पर रंग-बिरंगे कचरी और पापड़ बनाने की फैक्टरी धड़ल्ले से चल रहीं हैं। ऐसे में जरूर ही कि रंग-बिरंगी कचरी पापड़ से बचा जाए।

-

बाजारों में भीड़ बढ़ने से लग रहा जाम

होली से पहले बाजारों में भीड़ बढ़ने के कारण दिन भर जाम लग रहा है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, मुख्य बाजारों में बड़े वाहनों की दिन में नो एंट्री है, लेकिन इसके बाद भी ई-रिक्शा और टेंपो बाजारों में पहुंच कर जाम का कारण बन रहे हैं। मुख्य चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्थित करने के लिए होमगार्ड की तैनाती है, लेकिन होमगार्ड भी यातायात को संभाल नहीं पा रहे हैं। सुभाष चौक, पुराना बाजार, बड़ा बाजार, खैराती चौक, गोपी चौक, टिकटगंज, छह सड़का, घंटा घर, चूना मंडी आदि इलाकों में ज्यादा समस्या हो रही है।

bottom of page