- Mohd Zubair Qadri
सबसे पुरानी जामा मस्जिद शम्सी मामला, अब एक फरवरी को होगी अगली सुनवाई

यूपी बदायूं। शहर में स्थित वर्षों पुरानी जामा मस्जिद शम्सी पर मंदिर के दावें मामले में मामले सोमवार को अदालत में सुनवाई के दौरान अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से ज्ञानवापी की तरह आयोग गठित कर जामा मस्जिद का सर्वे कराने की मांग करते हुए आवेदन दिया गया। वादी पक्ष की ओर से बौद्ध की ओर से पक्षकार बनाने के लिए दिए गए आवेदन पर आपत्ति दाखिल कर आवेदन खारिज करने की मांग की गई है।
जामा मस्जिद इंतजामियां कमेटी की ओर से वादी पक्ष की ओर से जामा मस्जिद का आयोग से सर्वे कराने की मांग पर आपत्ति दायर की गई है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए अब एक फरवरी की तारीख तय की है।
अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश पटेल की ओर से जामा मस्जिद की जगह नीलकंठ महादेव का मंदिर होने का दावा करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में याचिका दायर की है। इस समय याचिका की पोषणीयता पर सुनवाई चल रही है।
इंतजामिया कमेटी ने फिर पेश किया एतराज
इंतजामिया कमेटी के वकील अनवर आलम की ओर से एक बार फिर से एतराज दाखिल किया गया है। उन्होंने कहा है कि यह मामला सुनवाई के योग्य नहीं है।
मुस्लिम पक्ष का दावा
इंतजामिया कमेटी के सदस्य व अधिवक्ता असरार अहमद मुस्लिम पक्ष के वकील हैं। उनके मुताबिक जामा मस्जिद शम्सी लगभग 840 साल पुरानी है। मस्जिद का निर्माण शमसुद्दीन अल्तमश ने करवाया था। यहां मंदिर का कोई अस्तित्व ही नहीं है।