- Mohd Zubair Qadri
जुलुस ए मोहम्मदी लाखों करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र इस बार भी नहीं अनुमति

यूपी बदायूं। जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी लाखों करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। यह पर्व इस्लाम धर्म के सबसे बड़े पैगंबर इंसनियात का दर्स और आपस में भाई चारे का रास्ता बताने वाले हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के जन्मदिन पर 12 रबी उल अव्वल को जुलुस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन कोविड के चलते बदायूं में जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का जुलुस पिछले दो वर्ष से नहीं निकल पा रहा है इस बार भी अनुमति नहीं मिलने से लोगों में मायूसी है।
जुलुस को लेकर शहर के लोगों का क्या कहना है
लोगों का कहना कि 12 रबी उल अव्वल को जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का जुलुस बदायूं जिले का लोकप्रिय जुलुस है। जुलुस की अनुमति नहीं देने से सैकड़ों लोगों की आस्था पर ठेस पहुंची है। जहां एक तरफ नेता व लाखों लोग एकत्र होकर रैलियां कर रहे हैं रोड शो कर रहे हैं और चुनाव का प्रचार प्रसार भी हो रहा है। लेकिन धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाना उचित नहीं है।
जुलुस ए मोहम्मदी को लेकर खानकाह का एलान
बदायूं जुलुस ए मोहम्मदी को लेकर शनिवार को खानकाह की तरफ से यह 19 अक्टूबर मंगलवार 12 रबी उल अव्वल को लेकर यह एलान किया गया है कि कोविड के चलते परमिशन न मिलने से इस साल जुलुस मुल्तवी किया जाता है।
