top of page
  • Mohd Zubair Qadri

कोरोना संक्रमण की संभावित लहर को देखते हुए परखी गईं कोविड से बचाव की व्यवस्थाएं


बदायूं। देश में कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर खतरे की आहट के साथ ही मॉकड्रिल करवाई जा रही है जहां अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट, बेड्स, दवाइयों की उपलब्धता सहित इमरजेंसी हालातों को देखा जा रहा है। जनपद में भी कई अस्पतालों में मंगलवार सुबह मॉकड्रिल की गई। मरीज को वार्ड में भर्ती करने सहित अन्य प्रक्रिया को देखा गया।


कोरोना संक्रमण की संभावित लहर को देखते हुए मंगलवार को जनपद में जिला अस्पताल व राजकीय मेडिकल कॉलेज के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिनावर, समरेर, आसफपुर तथा रुदायन पर मॉकड्रिल की गई। जिलाधिकारी मनोज कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रदीप वार्ष्णेय, सीएमएस विजय बहादुर राम व चिकित्सकों के साथ मॉकड्रिल के दौरान ऑक्सीजन प्लांट और आइसोलेशन वार्ड समेत अन्य व्यवस्थाएं देखी।


जिला अस्पताल में लगे एक हजार किलो लीटर के ऑक्सीजन प्लांट को चालू करके चेक किया गया, जिससे लगातार ऑक्सीजन सप्लायी की जा रही है। डीएम ने बताया कि कोरोना संक्रमण की संभावना को देखते हुए अस्पतालों में तैयारियां की जा रही हैं। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध हैं। मरीजों के ऑक्सीजन प्लंग और अन्य व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। मॉकड्रिल के दौरान ऑक्सीजन प्लांट और वार्डों का निरीक्षण किया। जहां सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त मिली हैं। स्टाफ को वार्डों में प्रशिक्षण देकर तैनात किया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।


राजकीय मेडिकल कालेज में मॉक ड्रिल की गयी जिसमें स्वास्थ्य विभाग से डॉ० मो० असलम एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ० पलवीन कौर ने राजकीय मेडिकल कालेज, बदायूँ चिकित्सालय में कोविड- 19 की संभावित लहर के दृष्टिगत समुचित व्यवस्थाओं का आंकलन किया गया। प्रधानाचार्य डा० धर्मेन्द्र कुमार द्वारा बताया गया कि राजकीय मेडिकल कालेज, बदायूँ में 200 कोविड बैड स्थापित हैं, जिसमें 100 बैड बच्चों के लिए चिन्हित किये गये हैं। आवश्यकता पड़ने पर लगभग 50 अतिरिक्त बेड भी प्रयोग में लाये जा सकते हैं। इनमें से 20 बैड कोविड आई०सी०यू० एवं 20 बैड बच्चों के कोविड आई०सी०यू० के रूप में हैं। मॉक ड्रिल में ऑक्सीजन प्लान्ट तथा कोविड वार्ड का निरीक्षण भी किया गया। ऑक्सीजन प्लान्ट में ऑक्सीजन की शुद्धता तथा प्रेशर का आंकलन किया गया। इस दौरान आवश्यक उपकरणों, वैन्टीलेटर, औषधियों तथा विभिन्न सामग्रियों की उपलब्धता तथा क्रियाशीलता का भी आंकलन किया गया।











bottom of page