
बदायूं। सरकार ने कामगारों की मदद की जिम्मेदारी अफसरों को दी है लेकिन आरोप है कि ऐन मौके पर अफसर ही हाथ खड़े कर दे रहे हैं। मुजफ्फरनगर से बदायूं पहुंचे कामगारों ने कई अफसरों को फोन किया। जब कहीं से सहयोग नहीं मिला तो मजबूरन उन्हें पैदल ही आगे जाना पड़ा। आधा दर्जन कामगार युवक पैदल-पैदल ही उझानी होते हुए बदायूं रोडवेज बस स्टैंड पहुंच गए। यहां से कामगार शेल्टरहोम पहुंचे जहां से उन्हें भगा दिया गया। इसके बाद कामगारों ने जिले के एक बड़े अफसर को फोन किया। कामगारों का आरोप है कि उस अफसर ने यहां तक कह दिया है जहां जाना है वहां जाओ, मगर यहां मत रुको। शेल्टरहोम में रोकने को अब जगह नहीं हैं। इसके बाद कामगारों को कहीं से डीएम ऑफिस का नंबर मिल गया। उन्होंने उस पर फोन लगा दिया। वहां से मदद का आश्वासन मिला लेकिन देर तक कोई मदद पहुंची नहीं। कामगारों का कहना था कि वे मुजफ्फरनगर में काम करते थे गोरखपुर जाना हैं। मैप देखते-देखते यहां तक आ गए। रास्ते में पुलिस ने काफी परेशान किया। इस जिले में भी कोई मदद नहीं मिली तो अब पैदल ही आगे के लिए बढ़ रहे हैं।