
बदायूं। कोरोना संक्रमण के इस दौर में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों को वापस लौट रहे हैं, ऐसे में उनको आजीविका चलाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। शासन की मंशा के अनुरूप मनरेगा योजना अन्र्तगत परदेस से लौटे स्थानीय श्रमिको को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, जिससे उनके और उनके परिवार के चेहरों पर खुशी छलक रही है। घर से निकट काम मिलने से मजदूर व उनका परिवार प्रसन्न है।
बुधवार को सांसद संघमित्रा मौर्य, नगर विकास राज्यमंत्री/सदर विधायक महेश चन्द्र गुप्ता ने जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी एवं मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत के साथ उझानी के बुटला दौलत में भैसोर नदी, बुटला खंजन में तालाब खुदाई एवं कादरचैक के गांव धनुपुरा में सोत नदी में मनरेगा के अन्तर्गत कराए जा रहे खुदाई कार्य का निरीक्षण किया। बुटला दौलत और बुटला खंजन में 150 मजदूर एवं धनपुरा में 90 मजदूर कार्य कर रहे थे। उन्होंने श्रमिकों एवं ग्रामीणों को मास्क वितरण किए एवं डेन्स सिलाई एवं मास्क निर्माण में योगदान देने वाले स्वयं सहायता समूहों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा कि सोत एवं भैसोर का जीर्णोद्धार उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है, इसके लिए वह पूरी तरह से प्रयासरत हैं। दोनों नदियों का जल स्तर बढ़े इसके क्रम में कार्य शुरू हो चुका है। सरकार के द्वारा गांवों में मनरेगा के अन्तर्गत एवं शहर में जेसीबी से कार्य कराया जा रहा है। हर जगह कार्य शुरू हो चुका है। लुप्त हो चुकी नदियाँ पुनः जीवित होंगी। उन्होंने निर्देश दिए कि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को लगाकर कार्य में तेजी लाई जाए। सांसद ने मजदूरों से जाना कि उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी तो नहीं है, सभी श्रमिक खुश हैं, तो श्रमिकों ने अवगत कराया कि अपने घर के निकट काम मिलने से उनको रोजगार मिला है। उन्हें डर था कि परदेस से लौट कर उन्हें काम मिलेगा भी या नहीं। मनरेगा से काम मिलने पर वह और उनका परिवार खुश है। उन्होंने कहा कि सभी मजदूर मास्क लगाकर एवं दूरी बनाकर कार्य करें। कोरोना को कतई हल्के में न लें। जरा सी लापरवाही जीवन के लिए घातक बन सकती है। अपना और अपने परिवार के लिए बताए गए नियमों का पूर्णतया पालन करें। फिजीकल डिस्टेंस का पालन खुद भी करें और दूसरों को भी कराएं, तभी इस महामारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही प्रभावी उपाय है। खांसते, छींकते समय मुंह को रूमाल व टिश्यू से ढकें। हाथों को समय-समय पर साबुन से धोते रहे या सेनीटाइजर से साफ करें। मुंह ढकने के लिए मास्क, गमछा, तौलिया, दुपट्टा या रुमाल का प्रयोग करें, बुर्जुगों एवं बच्चों का विशेष ध्यान रखे।