
बदायूं। शहर में गंदगी, प्रशासन नहीं दिख रहा तैयार सरकार सार्वजनिक स्थानों से भीड़ दूर करने के साथ साफ-स्वच्छ रखने के निर्देश दे रही है। सावधानी बरतने की सलाह भी दी जा रही है। शासन कोरोना जैसी महामारी को लेकर तैयार है, मगर जिला मुख्यालय पर शहर में गंदगी फैली हुई है। जिला मुख्यालय होने के बाद भी पालिका अफसरों की सुस्ती के चलते अस्पताल से चौराहों तक गंदगी के ढेर लगे हैं। शहर में स्वच्छता को लेकर हकीकत सामने आ गई। जिले में जहाँ जा रहे डीएम वहां मिल रही भीषड़ गंदगी। ब्लाक उझानी अन्तर्गत ग्राम रियोनइया की सफाई व्यवस्था संतोषजनक नहीं पाई गई। डीएम ने निर्देश दिए कि सफाई कर्मियों की टोली लगाकर गांव की सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जाए। गांव में लेखपाल की उपस्थिति के सम्बंध में पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि कभी-कभी आते हैं सफाई कर्मी। डीएम ने पूछा कि किस दिन आते हैं तो बताया कि कोई दिन तय नहीं है। डीएम ने कहा कि सभी लेखपालों का गांव में उपस्थित हेतु रोस्टर जारी कर दिया गया है। इसका पालन न करने वाले लेखपालों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाए।
जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं व नवजात के उपचार का ठिकाना है। मगर नगर पालिका व अस्पताल प्रशासन की लापरवाही में बीमारियों का ठिकाना बन गया है। यहां गंदगी का ढेर हमेशा लगा रहता है, मगर गंदगी का ढेर खत्म नहीं किया जाता। यहां गंदगी को उखाड़कर सुअर और कुत्ता दिनभर बीमारियां फैलाते हैं। जब तक डीएम, सीडीओ और उच्च अधिकारी न फटकारें तब तक गंदगी साफ नहीं होती है। ऐसे में कोरोना को लेकर हम कैसे सुरक्षित रह पाएंगे। शहर के प्रमुख मंदिर, मस्जिद, समेत धार्मिक, सार्वजनिक इलाकों में भी साफ-सफाई नहीं है। वहां साफ-सफाई की जरूरत है, सड़कों गलियों, मोहल्लों के चौराहों पर लगें कूड़े ढेर चाहे मोहल्ला हकीमगंज हो मस्जिद के पास सड़क पर बहता नाले का पानी, या और जगह चोक नाला और कूड़े का ढेर हो या फिर बिरुआबाड़ी मंदिर के बगल में प्लाट में खुले मैदान में पड़ी गंदगी हो लेकिन पालिका कर्मियों के सर पर जुहँ तक नहीं रिंग रही।