
बदायूं। 840 वर्ष पुरानी शहर की जामा मस्जिद शम्सी मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सभी पक्षों के वकील न्यायालय पहुंचें। मुकदमे में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान वाद पत्र के संशोधन प्रार्थना पत्र पर बहस नहीं हो सकी। वादी पक्ष ने कहा कि सुनवाई के लिए तारीख जल्दी मिल गई थी, लेकिन हनुमान जन्मोत्सव की वजह से वह तैयारी नहीं कर सके। इसलिए बहस के लिए उन्हें कुछ वक्त और दिया जाए। न्यायालय ने पेश किए गए संशोधन पर मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
ये है मुस्लिम पक्ष का दावा
इंतजामिया कमेटी ने कहा मुकदमा चलने योग्य ही नहीं है न्यायालय ने पेश किए गए संशोधन पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 अप्रैल निर्धारित की है।
इंतजामिया कमेटी के सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता असरार अहमद मुस्लिम पक्ष के वकील हैं। उनके मुताबिक जामा मस्जिद शम्सी लगभग 840 साल पुरानी है। मस्जिद का निर्माण शमसुद्दीन अल्तमश ने करवाया था। यहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है। असरार अहमद, वरिष्ठ अधिवक्ता जामा मस्जिद शम्सी पक्ष
अधिवक्ता अनवर आलम, अधिवक्ता सैयद काशिफ अली, अधिवक्ता मोहम्मद जमील समेत इंतजामिया कमेटी पूरी तैयारी के साथ न्यायालय पहुंची।