- Mohd Zubair Qadri
बरेली में आला हजरत के 104वें उर्स-ए-रजवी का परचम कुशाई की रस्म के साथ हुआ आगाज

यूपी बरेली। बुधवार को आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी के 104 वें उर्स-ए-रज़वी का आगाज़ परचम कुशाई की रस्म के साथ हो गया। रात में नातिया मुशायरा व हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। उर्स की सभी रस्में दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की निगरानी में दरगाह परिसर व इस्लामिया मैदान में अदा की जा रही है। अब तक अमेरिका से गुलाम ज़करानी, नेपाल, साउथ अफ्रीका, मलावी, यूके, बांग्लादेश, श्री लंका के अलावा देश के कोने कोने से ज़ायरीन पहुंच गए हैं।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि आज इस्लामिया मैदान में रज़वी परचम मुख्य गेट पर नसब कर दिया गया। रज़वी परचम लहराते ही विधिवत उर्स का आगाज़ हो गया। नारे तकबीर अल्लाह हो अकबर,मसलक-ए-आला हज़रत ज़िंदाबाद के नारों के बीच दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) ने अपने दस्ते मुबारक से (हाथों) सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां, सय्यद आसिफ मियां व देश-दुनिया से आये उलेमा की मौजूदगी में परचम कुशाई की रस्म अदा की गई। यहां फातिहा के बाद खुसूसी दुआ की गई। परचम कुशाई होते ही फ़िज़ा में आला हज़रत की लिखी नात व मनकबत गूंजने लगी।
उर्स की सभी रस्में दरगाह परिसर के साथ ही इस्लामिया मैदान में अदा की जाएंगी। इसकी निगरानी दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी ( अहसन मियां) करेंगे।
कुल शरीफ के साथ तीन रोजा उर्स का होगा समापन
22 सितंबर (गुरुवार) के बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी होगी। इसके बाद कॉन्फ्रेंस सुबह 9 बजक 58 मिनट पर रेहाने मिल्लत और साढ़े 10 बजे मुफस्सिर-ए-आजम के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। इसके बाद आपसी सौहार्द कॉन्फ्रेंस की जाएगी। दिन में कार्यक्रम और चादरपोशी का सिलसिला चलता रहेगा।
रात में दुनिया भर के मशहूर उलेमा की तकरीर पेश होगी। देर रात 1 बजकर 40 मिनट पर मुफ्ती आजम-ए-हिन्द के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। 23 सितंबर (जुमा) बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी और सुबह 8 बजे से नात ओ मनकबत और तकरीर का सिलसिला शुरू होगा। जो 2 बजकर 38 मिनट तक जारी रहेगा। आला हजरत के कुल शरीफ के साथ तीन रोजा उर्स का समापन होगा।
कुल शरीफ के साथ तीन रोजा उर्स का होगा समापन
22 सितंबर (गुरुवार) के बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी होगी। इसके बाद कॉन्फ्रेंस सुबह 9 बजक 58 मिनट पर रेहाने मिल्लत और साढ़े 10 बजे मुफस्सिर-ए-आजम के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। इसके बाद आपसी सौहार्द कॉन्फ्रेंस की जाएगी। दिन में कार्यक्रम और चादरपोशी का सिलसिला चलता रहेगा।
रात में दुनिया भर के मशहूर उलेमा की तकरीर पेश होगी। देर रात 1 बजकर 40 मिनट पर मुफ्ती आजम-ए-हिन्द के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। 23 सितंबर (जुमा) बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी और सुबह 8 बजे से नात ओ मनकबत और तकरीर का सिलसिला शुरू होगा। जो 2 बजकर 38 मिनट तक जारी रहेगा। आला हजरत के कुल शरीफ के साथ तीन रोजा उर्स का समापन होगा।