- Mohd Zubair Qadri
जिला अस्पताल में मरीज़ भगवान भरोसे, बिना डॉक्टर के कैसे लड़ेंगे तीसरी लहर की जंग

यूपी बदायूं। जिला असपताल में डाक्टरों की कमी मुसीबत बनती जा रही है। सर्जन से लेकर फिजिशियत तक के न होने से जिला अस्पताल से मरीजों को लौटाया जा रहा है। हालत यह है कि अस्पताल में बुखार की दवा देने वाला भी कोई डाक्टर नहीं है। डाक्टरों की कमी के बाद भी जिला प्रशाासन से लेकर जनप्रतिनिधि ने अब तक गंभीरता नहीं दिखायी है।
जिला पुरुष अस्पताल सफेद हाथी सा बना खड़ा दिख रहा है। जिले में केंद्र से लेकर राज्यमंत्री तक निवास करते हैं। लोकसभा सांसद बदायूं से हैं विधायक भी प्रतिनिधित्व सरकार में करते हैं इन सभी को इलाज तो चाहिये लेकिन एक भी नेता सरकार से जिला अस्पताल को डॉक्टर तक न दिला पाये हैं। जिला अस्पपताल में स्टाफ और संसाधन हैं केवल डॉक्टरों की कमी है। वर्तमान में सर्जन कोई डॉक्टर नहीं है इसलिये ऑपरेशन पूरी तरह रुके हुये हैं। फिजीशियन भी सिर्फ एक हैं वह भी अधिकांश छुट्टी पर रहते हैं वर्तमान में तो न सर्जन हैं न ही फिजीशियन की तैनाती है। बुखार का उपचार तक कोई देने वाला नहीं हैं। ऐसी परिस्थितियों में इमरजेंसी केवल नाम को है और मेडिकल तक का कार्य दिख रहा है। यहां उपचार करने वाला ही कोई नहीं है इसलिये अस्पताल सफेद हाथी बन गया है।
बिना डॉक्टर के कैसे लड़ेंगे तीसरी लहर की जंग
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर शासन-प्रशासन तैयारियों की बात कर रहा है। बिना डाक्टर के तीसरी लहर से लड़ेंगे यह कोई नहीं सोच रहा। वर्तमान स्टाफ के अनुसार जिला अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर सफलतापूर्वक नहीं लड़ पायेंगे। जिला अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं हैं तो फिर कैसे उपचार दिया जायेगा।
जिला अस्पताल में संविदा पर सर्जन तैनात थे, वे इस्तीफा दे गये हैं। शासन को बता दिया है और सर्जन को मांगा भी है। फिजीशियन छुट्टी पर गये हैं, एक ही फिजीशयन हैं, इसलिये दिक्कतें सामने आ रही हैं। बिना डॉक्टरों के मरीजों को संभालना मुश्किल हो रहा है।
डॉ. विजय बहादुर राम, सीएमएस जिला पुरुष अस्पताल