top of page
  • Mohd Zubair Qadri

बदायूं में PM आवास योजना का लाभ पात्र लोगों को नहीं मिल पा रहा सेटिंग से अपात्रों के मज़े


यूपी बदायूं। लाचार सिस्टम के चलते जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्र लोगों को नहीं मिल पा रहा है। सेटिंग वाज़ी से अपात्रों को जल्द मिल रहा लाभ शहर में भी कई अपात्रों को सेटिंग वाज़ी से जल्द मिल गया लोन पात्र लोगों की फाइल में तरह-तरह की कमियां बता कर बार-बार लौटा दिया जाता है, जबकि अपात्रों का चयन कर फाइल को आगे बढ़ा दिया जाता है। यहां तैनात अवर अभियंता इस्लामनगर में रहते हैं, जबकि यहां पर यदा-कदा आते हैं उनकी गैरमौजूदगी में काम सर्वे सुपरवाइजर करते हैं। लोगों का कहना है लाभार्थियों कि यदि बारीकी से जांच की जाए तो चयन करने वालों की गर्दन नप जाएगी।


सरकार का हर गरीब को पक्की छत उपलब्ध कराने का सपना है। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत बीपीएल कार्ड धारक जिनकी वार्षिक आय 55000, गरीबी रेखा वाले की आय 300000 से कम होनी चाहिए। साथ ही सरकारी कर्मचारी ना हो, उसके पास कार ट्रैक्टर एसी आदि ना हो, इनकम टैक्स के दायरे से बाहर हो। तभी लाभार्थी का चयन हो सकता है। पूरी फाइल नगरीय विकास अभिकरण डूडा कार्यालय को जाती है। हर नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत कार्यालय में इसकी फाइल जमा करने के लिए कार्य जिम्मेदारी दी गई है। नगर पालिका में तैनात अवर अभियंता को जिम्मेदारी है, लेकिन है ज्यादातर समय इस्लामनगर में ही रहते है। सर्वे सुपरवाइजर हिमांशु काम देखते हैं। सुपरवाइजर और लेखपाल मिलकर इस पूरे कार्य को अंजाम दे रहे हैं। शासन के निर्देशानुसार आवेदन करने वाले की पूरी जांच की जानी चाहिए। चर्चा हैं कि सेटिग के चलते उन्हीं को फायदा दिया जा रहा है जो मानक पर खरे नहीं कर रहा है। कई पात्र लोगों ने कहा कि जब भी वह जाते हैं तो उनकी फाइल में कोई ना कोई कमी बताकर टरका दिया जाता है। इन लोगों का कहना है कि वह शासन के मान को पर पूरी तरह से खरा उतर रहे हैं, जिसके चलते उन्हें लाभ नहीं मिलना चाहिए, लेकिन कई अपात्र लोगों को योजना का फायदा दे दिया गया है। जिनके पास सब कुछ है। वर्षवार इतने लाभार्थियों को मिला फायदा


आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2018 में 372, वर्ष 2019 में 333 और वर्ष 2020 में 250 लाभार्थियों का क्या चयन किया गया। इनमें कई ऐसे लाभार्थी हैं जिनके चयन पर उंगलियां उठती रही है, लेकिन जांच नहीं होने की वजह से उनका कुछ नहीं हुआ। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उन्हीं को दिया जा रहा है जो मानक पर खरे उतर रहे हैं। हर आवेदन कर्ता की लेखपाल जांच करते है, उसके बाद नगरपालिका और फिर तहसीलदार द्वारा जांच की जाती है। सही पाए जाने पर ही उनको लाभ मिलता है।


हिमांशु कुमार, सर्वे सुपरवाइजर


ऐसे प्रकरण मेरे संज्ञान में भी आए हैं, इन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे आगे पात्रों को ही लाभ मिल सके।


अनुज वाष्र्णेय, नगर पालिका अध्यक्ष बिल्सी


bottom of page