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  • Mohd Zubair Qadri

सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी, भू-संपत्तियों की कीमतों में हो सकता है 30 फीसदी तक इजाफा


यूपी बदायूं। करीब छह साल बाद प्रशासन ने भू-संपत्तियों के सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी कर ली है। ये सर्किल रेट शहर में 25 से 30 तथा देहात में 15 से 20 फीसदी बढ़ सकते हैं। एक सितंबर से नए सर्किल रेट लागू होने के बाद भू-संपत्तियां महंगी होने के साथ स्टांप व्यय भी बढ़ जाएगा। यानी, बैनामे के लिए भी ज्यादा रकम खर्च करनी होगी। इससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा, लेकिन मकान, प्लाट या कृषि भूमि खरीदने की तैयारी कर रहे लोगों को झटका लगेगा।


उत्तर प्रदेश स्टांप (भू-संपत्ति मूल्यांकन) नियमावली में भू-संपत्तियों के हर वर्ष मूल्यांकन के पुनरीक्षण की व्यवस्था है। जिले में सितंबर 2016 में अंतिम बार भू-संपत्तियों के मूल्यांकन के बाद सर्किल रेट में 10 से 15 फीसदी तक का इजाफा किया गया था। नवंबर 2016 में नोटबंदी के कारण सामने आईं समस्याओं के चलते सर्किल रेट में इजाफा नहीं हो सका। इसके बाद अन्य कारण आते रहे। बाद में कोरोनाकाल के कारण भी सर्किल रेट का मूल्यांकन और पुनरीक्षण नहीं हो सका।


छह वर्ष से सर्किल रेट संबंधी नोटिफिकेशन बिना किसी वृद्धि के जारी किया जा रहा है। पर, इस बार प्रशासन ने सर्किल रेट में जबरदस्त इजाफा करने की तैयारी कर ली है। छह साल बाद शहरी क्षेत्र में जमीनों के सर्किल रेट में 30 और गांव देहात में 20 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। डीएम के नोटिफिकेशन के बाद एक सितंबर में नए सर्किल रेट लागू होने की उम्मीद है।

नए सर्किल रेट तय करने के लिए सदर समेत सहसवान, दातागंज, बिल्सी और बिसौली तहसीलों में राजस्व और रजिस्ट्री विभाग ने सर्वे लगभग पूरा कर लिया है। आने वाले दिनों में इस पर आपत्तियां मांगी जानी हैं। आपत्तियों के निस्तारण के बाद नए सर्किल रेट लागू हो जाएंगे।

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जमीन की कीमतें कई गुना बढ़ीं, सर्किल रेट में इजाफा नहीं

छह साल के दौरान जिला मुख्यालय समेत नगरीय, अर्द्धनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में भू-संपत्तियों की कीमतों में कई गुना इजाफा हो गया है, लेकिन इस दौरान सर्किल रेट नहीं बढ़े। इससे स्टांप के जरिये मिलने वाले राजस्व का सरकार को नुकसान हो रहा था। नए सिरे से तैयार किए जा रहे सर्किल रेटों में जिला मुख्यालय पर सड़क किनारे भू-संपत्तियों के रेट में जबरदस्त इजाफा किया जा रहा है। मसलन पहले शहर में जिन भू-संपत्तियों का सर्किल रेट 10 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर था वह अब बढ़कर 13 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर तक हो जाएगा। इससे लोगों को भू-संपत्तियां खरीदने के साथ बैनामा कराने के लिए ज्यादा स्टांप ड्यूटी देनी होगी।

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इन व्यवसायिक इलाकों में सबसे ज्यादा इजाफा प्रस्तावित

शहरी क्षेत्र में भू-संपत्तियों के सर्किल रेट में 25 से 30 फीसदी तक इजाफा करने का प्रस्ताव है। इनमें सबसे ज्यादा सर्किल रेट जहां बढ़ाने की तैयारी है वह शहरी क्षेत्रों में व्यावसायिक इलाके हैं। शहर के सबसे महंगे इलाकों की बात करें तो भगवान परशुराम चौक से कलक्ट्रेट रोड, रोडवेज, पुलिस लाइन रोड, जोगीपुरा रोड, गांधी ग्राउंड रोड, गोपी चौक, अनाज मंडी के अलावा दातागंज तिराहा से कलक्ट्रेट, कलक्ट्रेट से लालपुल, दास कॉलेज रोड, पुरानी चुंगी, भगवान परशुराम चौक से गद्दी चौक, राजाराम महिला इंटर कॉलेज से मढ़ई चौक, हलवाई चौक, पुराना बाजार, बड़ा बाजार, घंटा घर से छह सड़का, गांधी ग्राउंड, एसके इंटर कॉलेज, इंदिरा चौक, मढ़ई चौक से रजी चौक, चूना मंडी से घंटाघर, हलवाई चौक समेत माल गोदाम रोड, शहवाजपुर आदि इलाके शामिल हैं।

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करीब छह वर्ष से भू-संपत्तियों के सर्किल रेट में इजाफा नहीं किया गया है। नियमावली के अनुसार हर वर्ष मूल्यांकन और पुनरीक्षण की व्यवस्था है, लेकिन कुछ कारणों के चलते छह साल से पुराने सर्किल रेट का ही नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है। इस बार सर्किल रेट के लिए सर्वे का काम चल रहा है। इस संबंध में दो जिला स्तरीय बैठकें भी हो चुकी हैं। डीएम के आदेश के बाद संभवत: एक सितंबर से नए सर्किल रेट लागू कर दिए जाएंगे।

सुनील कुमार, उप निबंधक प्रथम तहसील सदर

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