- Mohd Zubair Qadri
लावारिस शवों के मसीहा शरीफ चाचा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा

खबर देश यूपी। लावारिस लाशों के मसीहा के नाम से मशहूर मुहम्मद शरीफ को सोमवार को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है. राष्ट्रपति भवन में उनको राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया. 25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुके समाजसेवी मुहम्मद शरीफ वह शख्स हैं जो अपने बेटे का अंतिम संस्कार नहीं कर सके थे. इससे आहत होकर ये तय किया कि अब कोई हिन्दू हो या मुसलमान किसी की भी लाश लावारिस नहीं रहेगी. सबका अंतिम संस्कार वो करेंगे।
बेटे की मौत के बाद…
अयोध्या के रहने वाले मुहम्मद शरीफ को सोमवार को पद्म श्री से सम्मानित किया गया. मुहम्मद शरीफ ने एक चैनल से बात करते हुए बताया कि 25 साल पहले सुल्तानपुर में उनके बेटे की मौत हो गयी थी, तो किसी ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया. तभी से मैंने तय किया कि अब चाहे हिन्दू हो या मुसलमान सबका अंतिम संस्कार में खुद करूंगा. इसके बाद उन्होंने अंतिम संस्कार की यात्रा को शुरू कर दिया और तब से अब तक हिन्दू और मुस्लिमों के लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुका हूं.
मुहम्मद शरीफ ने बताया कि पद्मश्री मिलने से वो बहुत खुश हैं. उनके काम को लोगों द्वारा सराहा गया और सरकार के द्वारा उनका सम्मान किया गया. इस से उनका मनोबल और बढ़ गया है. वो इसी तरह से आगे भी काम को करते रहेंगे।
कोई सरकारी मदद नहीं
शरीफ चाचा ने बताया कि उनको इसके लिए किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिलती है. वो जनता से ही पैसा इकट्ठा करके लोगों का अंतिम संस्कार करते हैं. उन्होंने बताया कि शुरू में लोग उनका मजाक उड़ाया करते थे, लेकिन फिर बाद में लोग उनको सम्मान देने लगे. इतना बड़ा सम्मान मिला है जिसके लिए सबका आभार है.
मुहम्मद शरीफ ने बताया की प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से कल मुलाकात हुई और बात भी हुई. इतने बड़े लोगों से कभी मुलाकात होगी सोचा नहीं था. प्रधानमंत्री से हमने इस काम में सरकार के द्वारा मदद और अपने लिए घर की मांग भी की है, जिसके लिए उनकी तरफ से हमें आश्वासन मिला है कि सरकार के द्वारा उनकी मदद की जायेगी।
लोगों का क्या कहना
अयोध्या के मोहम्मद शरीफ, लावारिस लाशों के मसीहा हैं। उन्होंने 25 हजार लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार किया। मरने के बाद जिनका कोई नही था उन्हें मिट्टी और आग दी। वो हमारे सामाजिक मूल्यों का प्रतीक है। आज उन्हे पद्मश्री से अलंकृत किया गया. समाज के प्रति अप्रतिम योगदान प्रेरणादायी है
