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  • Mohd Zubair Qadri

जिले में आज 11 महीने बाद प्राइमरी स्कूलों में लौटी रौनक किया गया सैनिटाइज


यूपी बदायूं। कोरोना काल के चलते 11 महीने बाद प्राइमरी स्तर के विद्यालयों में रौनक लौटेगी। सोमवार एक मार्च से प्राइमरी स्तर के विद्यालयों में 50 फीसदी उपस्थिति के साथ बच्चों को स्कूल में बुलाकर शिक्षण कार्य शुरू किया जायेगा। प्राइमरी स्कूलों में कक्षा के अनुसार रोस्टर तय किया गया है। स्कूल खोलने की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। शिक्षण कार्य के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा।


जिले में 1802 प्राइमरी स्तर के सरकारी विद्यालय हैं। जिनमें करीब ढाई लाख बच्चे पंजीकृत हैं। इसके अलावा दो हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं। जिनमें आज से शिक्षण कार्य शुरू हो जायेगा। स्कूलों में बच्चे 11 महीने बाद आयेंगे। स्कूल में पढ़ाई को लेकर बच्चे काफी उत्साहित हैं। कोरोना काल के चलते अब तक स्कूल जाने पर पाबंदी थी। ऐसे में बच्चे घर भी पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन आज से 50 फीसदी उपस्थिति के साथ स्कूलों में पढ़ाई करेंगे। परिषदीय स्कूलों में रोस्टर के अनुसार बच्चों को बुलाया जायेगा। सोमवार एवं गुरुवार के लिये कक्षा एक एवं पांच मंगलवार व शुक्रवार के लिये कक्षा दो एवं चार, बुधवार, शनिवार को कक्षा तीन के बच्चों को बुलाकर शिक्षण कार्य कराया जायेगा। बीएसएस रामपाल सिंह राजपूत ने बताया कि एक मार्च से 50 फीसदी उपस्थिति के साथ प्राइमरी स्तर के स्कूलों में शिक्षण कार्य शुरू हो जायेगा। सभी के लिये कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा।


फूलों से सजाये स्कूल


रविवार के स्कूलों का अवकाश था, फिर भी कुछ शिक्षकों ने स्कूलों को खोला और सोमवार से शुरू होने वाले शिक्षण कार्य के चलते साफ-सफाई करायी। सैनेटाइजेशन कराया। स्कूलों को गुब्बारों, फूलों और झंडियों से सजाया गया।


प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान संचालित


महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि 11 माह तक लगातार विद्यालय बंद रहने से बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इससे जहां एक तरफ बच्चों के अधिगम स्तर में कमी आई है वहीं लंबी अवधि तक विद्यालय से दूर रहने के कारण उनमें शिक्षा के प्रति अरुचि का भाव उत्पन्न हुआ है। इसे दूर करने के उद्देश्य से ही सभी सरकारी स्कूलों में प्रेरणा ज्ञानोत्सव अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके तहत समृद्ध हस्तपुस्तिका पर आधारित रिमिडियल शिक्षण के माध्यम से बच्चों के शिक्षा के स्तर में सुधार किया जायेगा।


यह नियम करने होंगे फॉलो----


विद्यार्थी के बीच छह फुट की दूरी होना जरूरी।


शिक्षक एवं विद्यार्थी का मास्क पहनना जरूरी।


कक्षाओं एवं बीच-बीच में हाथ सैनेटाइजेशन जरूरी।


बच्चे एक दूसरे से लंच एवं कॉपी पेंसिल का आदान प्रदान नहीं करेंगे।

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