- Mohd Zubair Qadri
बदायूं में आपसी भईचारे से मनाई गई शबे बरात छोटे व बड़े सरकार की दरगाह पर रही रौनक

यूपी बदायूं। जिले में आपसी भईचारे के साथ शब-ए-बरात का पर्व शुक्रवार को मनाया गया। इस मौके पर मुस्लिम समाज के लोग छोटे व बड़े सरकार की दरगाह समेत सागर ताल पर जाकर लोगों ने फातिहा ख्वानी गुलपोशी कर दुआएं मांगी व अपने पूर्वजों की कब्रिस्तानों पर जाकर फातिहा पड़ी। रात में घरों और मस्जिदों में नफिल व क़ज़ा नमाज पढ़ी गई। और दिन में रोजे भी रखे शब-ए-बरात के पर्व को देखते हुए कब्रिस्तानों की साफ सफाई भी की गई।
मोहल्ला हकीम गंज की मस्जिद के मौलाना ने बताया कि शब-ए-बरात एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है गुनाहों से छुटकारे की रात। यह पर्व अरबी महीना शाबान की 14 का दिन गुजार के 15वीं की रात में मनाया जाता है। इस बार यह दिन शुक्रवार को रहा है। मौलाना ने बताया कि इस रात बंदों को खूब इबादत करनी चाहिए और अगले दिन रोजा रखना चाहिए। अपने पूर्वजों के लिए कब्रों पर जाकर और घरों में फातेहा पढ़कर सवाब पहुंचाना चाहिए।