- Mohd Zubair Qadri
शहीदे बगदाद कांफ्रेंस में काज़ी ए जिला का पैगाम इल्म हासिल करना हर मुसलमान पर फर्ज

बदायूं। शहीदे बगदाद आलिमे रब्बानी हजरत शैख उसैदुल हक मोहम्मद आसिम कादरी अलैहिर्रहमां के उर्स के मौके पर शनिवार को शहर के चक्कर की सड़क स्थित दरगाह रोड पर एक हॉल में शहीदे बगदाद कांफ्रेंस आयोजित की गई जिसका आगाज तिलावते कुरआन से हुआ और नात-ए- मुस्तफा पढ़ी गई मुख्य वक्ता काज़ी ए जिला हज़रत शेख़ अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां क़ादरी ज़ेबे सज्जादा खानकाहे आलिया कादरिया ने तकरीर पेश करते हुए कहा बदायूं की सरजमीं हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है शेख साहब ने भी मिसाल पेश की थी। उनका नाम देश और दुनिया में कायम है। इल्म हासिल करना हर औरत- मर्द के लिए जरूरी उन्होंने कहा आखिरी बक्त तक इल्म हासिल करना चाहिए अल्लाह के हुक्म के मुताबिक जिंदगी गुजारना ही बंदगी है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में दुख दर्द बांटने का संदेश दिया गया है।
पैगम्बरे इंसानियत हजरत मोहम्मद साहब ने बंदगी के कुछ तरीके फर्ज बताए हैं, इनमें नमाज पढ़ना, रोजा रखना, जकात देना और हज करना शामिल है। कहा कि इल्म हासिल करना फर्ज है, इल्म पर अमल करना भी जरूरी। दुनिया अमल करने की जगह है। इसका फल आखिरत में मिलेगा। अपने संबोधन में कहा कि इस्लाम मजहब में औरतों को इज्जत के साथ जीने का हक दिया है। पैगम्बरे इस्लाम ने फरमाया कि मां के कदमों के नीचे जन्नत है और बाप उसका दरवाजा है। उन्होंने सफाई पर भी जोर दिया और आखिर में सलातो सलाम व मुल्क में अम्नो चैन, खुशहाली की दुआओं के साथ कांफ्रेंस का समापन हुआ।
बच्चों के दीनी सवालात का कंप्टीशन कराया गया था जिसके नतीजे प्रस्तुत किये और कामयाब बच्चों को काज़ी ए जिला अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां क़ादरी ज़ेबे सज्जादा खानकाहे आलिया कादरिया के हाथों से पुरस्कार से नवाजा गया।
इस मौके पर शहजादा ए गिरामी हज़रत अल्लामा मौलाना अज्जाम मियां क़ादरी हाफिज अब्दुल कय्यूम क़ादरी और बहार से आये खानकाहों के सज्जादा नशीन उलमा व मुफ़्ती दिलशाद अहमद कादरी, मौलाना खालिद कादरी, हाफिज नसीम कादरी, तनवीर समेत बड़ी संख्या में अन्य लोग उपस्थित रहे।