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  • Mohd Zubair Qadri

भाजपा के साथ नई पारी शुरू करेंगे सिनोद शाक्य बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना


यूपी बदायूं। एमएलसी चुनाव से अपना नाम वापस लेकर सपा को झटका दे चुके पूर्व विधायक सिनोद शाक्य यूपी में सरकार गठन के बाद भाजपा के साथ नई पारी की शुरुआत करेंगे। नाम वापस लेने के बाद से वह लगातार केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव गुप्ता के संपर्क में हैं। चर्चा है कि भाजपा सिनोद का कद बढ़ाने के लिए उन्हें योगी सरकार में ही राज्यमंत्री का दर्जा दे सकती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना राजनीतिक पंडित जता रहे हैं।


इससे पहले बुधवार शाम को सिनोद शाक्य ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया है। उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सीएम अखिलेश यादव को पत्र भेजा। जिसमें सिनोद ने लिखा पिछले कुछ दिनों से समाजवादी पार्टी उनके प्रति नकारात्मक रवैया अपना रही है। इसके कारण पूरी तरह से व्यथित हूं और इसी के कारण समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। इस संबंध में देर रात तक सपा के जिला नेतृत्व को भी जानकारी नहीं थी। लेकिन, अब यह साफ हो चुका है कि सिनोद नई पारी की तैयारी कर चुके हैं और जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उनका इस्तीफे वाला पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद भाजपा के लोगों ने सिनोद को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी भी शुरू कर दी।


कई भाजपाई सिनोद को लोकसभा चुनाव की तैयारी करने तक की नसीहत देने लगे हैं। कहा जा रहा है कि वागीश पाठक को एमएलसी का चुनाव जिताने के लिए बीएल वर्मा ने एड़ी चोटी का जोर लगाया और सिनोद से बातचीत कर उनका नामांकन वापस कराया। इधर, सिनोद भी नहीं चाहते थे कि वह एक के बाद एक चुनाव हारकर रिकार्ड बनाएं। 2017 में खुद दातागंज सीट से विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2019 में आंवला लोकसभा सीट से उनकी पत्नी चुनाव हारीं। इसके बाद 2021 में सपा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी उनकी पत्नी हार गई थीं। अब इस एमएलसी चुनाव में भी सिनोद को नतीजे अपने लिए सकारात्मक नजर नहीं आ रहे थे। इसके चलते ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा की बात मान ली और नाम वापस कर अपना आगे का राजनीतिक कैरियर बचाने और सजाने संभालने का काम किया है। जिले के राजनीतिक लोग सिनोद के इस फैसले को ठीक और सराहनीय बता रहे हैं।


धर्मेंद्र यादव की कम हुई साख

सिनोद शाक्य को एमएलसी का टिकट दिलाने के पीछे पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का नाम ही लिया जा रहा था। नामांकन के दिन भी पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, सिनोद शाक्य के साथ खड़े नजर आए थे। लेकिन, जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तरह ही इस बार भी कुछ गड़बड़ न हो, इस आशंका के चलते सिनोद पहले ही रास्ता बदल गए। उन्होंने धर्मेंद्र यादव पर भरोसा न जताते हुए अपना नामांकन वापस ले लिया। यह कदम भले ही सिनोद शाक्य का हो लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर अगर किसी पर पड़ा है तो वह पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव पर पड़ा है। उनके विरोधियों ने तो उन्हें घेरना शुरू कर ही दिया था, लेकिन पार्टी के भीतर भी एक आवाज उनके फैसलों पर उठ रही है।


पर्चा वापस लेने से लेकर समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने तक का सफर कठिन रहा। इसके पीछे कई वजह हैं। लेकिन कुछ भी कहना अभी ठीक नहीं है। मैंने सपा मुखिया अखिलेश यादव को पार्टी से अपना त्याग पत्र भेज दिया है। जल्द ही आगे की रणनीति साझा करूंगा।

सिनोद शाक्य, पूर्व विधायक दातागंज


सिनोद शाक्य ने जो भी फैसला लिया वह उचित रहा। सरकार के गठन के बाद उनकी ज्वाइनिग भाजपा में कराई जाएगी। वह मेरे अलावा अन्य वरिष्ठजनों के संपर्क में हैं। उनका हम सब पार्टी में स्वागत करेंगे। उनके साथ आने से जिले में पार्टी को मजबूती मिलेगी।

राजीव कुमार गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष

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