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  • Mohd Zubair Qadri

महामारी की दहशत हर किसी में डर के साये में घरों में ही कैद रहे लोग, सड़कों पर सन्नाटा


यूपी बदायूं। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी कोरोना क‌र्फ्यू के दूसरे दिन रविवार को भी अधिकांश लोग घरों में ही कैद रहे। गाइडलाइन का पालन कराने के लिए अब पुलिस को सख्ती बरतने की जरूरत नहीं पड़ रही है। लोग खुद ही महामारी से मुक्ति पाने के लिए घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। बाजारों से लेकर चौराहों तक सन्नाटा पसरा रहा। प्राइवेट डाक्टरों की क्लीनिक और मेडिकल स्टोरों पर जरूर लोगों का आवागमन बना रहा।


दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी पहले से तय होने के कारण लोग मानसिक रूप से तैयार थे। सब्जी के ठेले और दूधिया ही आते-जाते दिखाई दिए। छह सड़का से लेकर घंटाघर तक, बड़ा बाजार, सराफा बाजार, खैराती चौक समेत सभी बाजार पूरी तरह बंद रहे। जगह-जगह मेडिकल स्टोर खुले दिखाई दिए। गैस एजेंसी पर भी इक्का-दुक्का लोग और गैस सिलिडर वितरक दिखाई दिए। रोडवेज बस स्टैंड और प्राइवेट बस स्टैंड पर भी यात्रियों की भीड़ कम दिखी।


बेवजह निकले लोगों को घर लौटाया गया। रविवार को भी इसी तरह बंदी लागू रहेगी, सख्ती और बढ़ाई जाएगी। दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी से रोजाना मजदूरी कर रोजी-रोटी का इंतजाम करने वालों की आर्थिक स्थिति निश्चित रूप से प्रभावित होगी, लेकिन इस समय इसकी किसी को चिता नहीं है। गरीब, अमीर हर व्यक्ति इस समय बस यह चाह रहा है कि कोरोना से मुक्ति मिल जाए। इसके लिए लाकडाउन को भी झेलने के लिए लोग तैयार हैं।

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