- Mohd Zubair Qadri
बदायूं में 26 रमजान की सुबह लोग गमगीन थे हर आँख नम थी जब सुनी थी पीर के विसाल की खबर

यूपी बदायूं। पहला उर्स मुबारक पीरों मुर्शिद हुजूर ताजदारे अहले सुन्नत साहिब-ए-सज्जादा खानकाह-ए-कादरिया शेख अब्दुल हमीद मुहम्मद सालिमुल कादरी साहब बदायूंनी का शहर के मोहल्ला मौलवी टोला में 26 रमजान 2021 को तीन बजकर 51 मिनट पर रविवार तड़के विसाल हो गया था। उस दिन सुबह लोग गमगीन थे हर आँख नम थी और बदायूं का वो अज़ीम चमकता सितारा दुनिया से पर्दा कर गया था जिन्हे आज भी लोग याद करते है तो आखें भर आती है। जब लोग परेशान होते थे तो आपकी ज़िन्दगी हयात में हर लम्हा हाज़िर रहा करते थे। मुरिदैन कल जुमेरात को हज़रत हो याद करते हुए इसाले सबाव भी करेंगे।
हुजूर साहिब-ए-सज्जादा के विसाल की खबर सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हुई तो हर तबका गमगीन हो गया था। लोग मदरसे पर उनके दीदार को पहुंचने लगे थे। देश से ही नहीं विदेश से भी शोक संवेदना व्यक्त की गई थी। पीरों मुर्शिद हुजूर साहिब-ए-सज्जादा की तदफीन जहां आप हमेशा उर्स के मौके पर मुरीदों से मिलते थे लाखों लोगों की मौजूदगी में दरगाह ए क़ादरी बदायूं में हुई। आप के विसाल के बाद गद्दीनशीन हुए हज़रत अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां क़ादरी जो की अब वह जिला काजी है।
आपका उर्स मुबारक पीरों मुर्शिद हुजूर ताजदारे अहले सुन्नत साहिब-ए-सज्जादा खानकाह-ए-कादरिया शेख अब्दुल हमीद मुहम्मद सालिमुल कादरी साहब बदायूंनी का ईद के बाद नौ मई दिन पीर को दरगाह में हज़रत अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां क़ादरी की सरपरस्ती में मनाया जएगा।
एक मुरीद ने कहा, हज़रत साहब की शख्सियत बदायूं के लोगों के लिए एक सरपरस्त की तरह थी। उनका हाथ बदायूं की आवाम पर हमेशा बना रहता था। उनके पास कभी भी कोई जाकर आसानी से मिल लेता था। हजरत साहब ने सबकी परे शानियों को सुनकर उनका निदान किया। वह बहुत नेक, मिलनसार, हर दिल अजीज शख्स थे। समाज के हर वर्ग में उनकी बहुत इज्जत थी। सभी धर्मों के लोग हज़रत को मानते थे। उनके चले जाने से बदायूं के लोगों ने अपना सरपरस्त खो दिया उनको हमेशा याद किया जाएगा।
Mohammad Zubair Qadri