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  • Mohd Zubair Qadri

सपा की लिस्ट का इंतजार, सदर सीट पर टिकी नजरें प्रत्याशी का नाम तय होने को पेच फंसा


यूपी बदायूं। विधानसभा चुनाव में भाजपा, बसपा और तीन विधानसभाओं में आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों का इंतजार है। सपा के प्रत्याशियों की टिकट सूची का केवल सपाइयों को ही इंतजार नहीं हैं इनसे ज्यादा इंतजार भाजपा, बसपा और कांग्रेसियों को है। खासकर भाजपा के जो प्रत्याशी मैदान में हैं, वे भी सपा की सूची का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि उसी के हिसाब से रणनीति बनायी जाये।


खासकर शहर सीट को लेकर कुर्मी बिरादरी में असंतोष देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि सपा को भी टिकट घोषणा के बाद असंतोष का सामना करना पड़ सकता है। भितरघात का खतरा भी बना रहेगा। सपा में भी दावेदारों की लंबी लाइन है। बिल्सी सीट महान दल के खाते में जाने से सपा के पास अब पांच सीटें ही शेष हैं।


भाजपा ने जिले की सभी छह सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बसपा ने भी शेखूपुर सीट को छोड़कर अन्य पांच सीटों पर प्रत्याशी/ प्रभारियों के नाम की घोषणा कर दी है। सपा की ओर से अभी पत्ते नहीं खोले गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बिसौली, सहसवान और शेखूपुर सीट पर प्रत्याशियों के नाम तय हैं। बिल्सी सीट गठबंधन में महान दल के खाते में जा चुकी है। शहर और दातागंज सीट को लेकर गतिरोध बना हुआ है। ऐसे में प्रत्याशियों के नामों की घोषणा में देरी हो रही है।


पूर्व राज्यमंत्री विमल कृष्ण अग्रवाल ने बिल्सी सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन गठबंधन में यह सीट महान दल के खाते में चले जाने के बाद वह दौड़ से बाहर माने जा रहे हैं। हालांकि चर्चा यह भी है कि सपा विशेष परिस्थिति में विमल को शहर सीट से भी दावेदार बना सकती है, वह पहले शहर से विधायक रह चुके हैं।

शेखूपुर सीट से पूर्व विधायक आशीष यादव के बेटे हिमांशु यादव का टिकट पक्का माना जा रहा है। हालांकि लेकिन अब बसपा में शामिल हो गए है मुस्लिम खां, शेखूपुर विधानसभा पर त्रिकोणीय मुकाबला होना तय है । बिसौली सुरक्षित सीट से सपा के टिकट पर पूर्व विधायक आशुतोष मौर्य चुनाव लड़ सकते हैं। इसके साथ ही सहसवान सीट से विधायक ओमकार सिंह के बेटे बृजेश यादव का टिकट पक्का माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन सीटों पर नामों का एलान होना बाकी है।


पूर्व विधायक सिनोद शाक्य दातागंज सीट से दावेदार हैं। दातागंज सीट पर सपा जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह के बेटे अवनीश यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चेतना सिंह के बेटे कैप्टन अर्जुन सिंह भी मजबूत दावेदार के रूप में डटे हुए हैं। दातागंज सीट को लेकर सपा सामाजिक समीकरणों को देख रही है। इधर शहर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां भी प्रत्याशी का नाम तय होने पेच फंसा हुआ है। पूर्व विधायक आबिद रजा किसी पार्टी में नहीं हैं। आजम खां के करीबी आबिद रजा कई महीने से चुनावी तैयारियां कर रहे हैं।

इधर, हाल ही में काजी मोहम्मद रिजवान भी सपा में शामिल हुए हैं। उनकी भी शहर सीट से दावेदारी है। आबिद रजा और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के बीच पुरानी तकरार को लेकर शहर सीट पर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है।

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सामाजिक समीकरण साधने पर रहेगा सपा का जोर

भाजपा ने प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया है। बिसौली सुरक्षित सीट को छोड़ दें तो सहसवान, शहर, शेखूपुर और दातागंज सीट ही बचती हैं। इन चार सीटों पर सपा के सामने सामाजिक समीकरणों को साधना चुनौती होगा। माना जा रहा है कि इन चार सीटों पर सपा एक सीट पर मुस्लिम और दो सीटों पर यादव प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। भाजपा की काट के लिए एक सीट पर पार्टी मौर्य-शाक्य बिरादरी को टिकट दे सकती है। हालांकि, सपा-महान दल गठबंधन में बिल्सी सीट पर महान दल राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य के बेटे चंद्र प्रकाश प्रत्याशी हैं। इस बार भाजपा ने बिल्सी और शेखूपुर सीट पर शाक्य बिरादरी के प्रत्याशी उतारे हैं। चर्चा है कि सपा की ओर से दातागंज सीट पर पूर्व विधायक सिनोद शाक्य को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। दरअसल, जिले में गैर यादव पिछड़ा वर्ग में सबसे ज्यादा संख्या मौर्य-शाक्य बिरादरी के मतदाताओं की ही है।

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सपा का अभी कोई प्रत्याशी घोषित नहीं : प्रेमपाल

सपा जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व जो भी तय करेगा जिले में पूरी पार्टी उस निर्णय के अनुसार काम करेगी। प्रत्याशी तय करना शीर्ष नेतृत्व का काम का है। अभी कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। शीर्ष नेतृत्व जिसे भी प्रत्याशी बनाता है पूरी पार्टी मिलकर उसे चुनाव लड़ाएगी और जीत सुनिश्चित करेगी। प्रत्याशियों के टिकट की घोषणा को लेकर अभी शीर्ष नेतृत्व से कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है।

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