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  • Nationbuzz News Editor

लॉकडाउन के दौरान बकायेदारों की नहीं कटेगी पानी-बिजली, सीएम योगी ने दिए निर्देश


यूपी। लखनऊ. कोरोनावायरस महामारी के बीच जंहा एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान लोगों को जरूरी चीजें उलपब्ध करवाने में जुटी हुई हैं, तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में खुद ही मोर्चा संभाल कर लगातार मैराथन बैठकें कर रहे हैं. रविवार को टीम 11 के साथ हुई बैठक में कुछ बड़े फैसले भी लिए गए. जिसमें सबसे अहम फैसला था कि किसी की भी बिजली और पानी बकाए के चलते नहीं काटी जाएगी. सभी के यहां बराबर आपूर्ति बनी रहेगी। बाहर से आए लोगों की हो जांच इसके अलावा अन्य राज्यों से यूपी वापस आने वाले लोगों को लेकर भी कई फैसले लिए गए हैं. टीम 11 के साथ बैठक के बाद सीएम योगी ने निर्देश देते हुए कहा है कि 1 मार्च के बाद यूपी में बाहर से आए हर नागरिक की निगरानी और हेल्थ जांच करने पर विशेष ध्यान दिया जाए और ज़रा सा भी शक हो तो तुरंत क्वारंटाइनन किया जाए. कुल मिलाकर बाहर से आए लोगों को 14 दिनों का हेल्थ प्रोटोकॉल पालन कराने के निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावा सीएम योगी ने कोराना के चलते जो उद्यम, संस्थान बंद हैं उन संस्थानों को उनके हर कर्मचारी को वेतन देने के निर्देश भी दिये गए हैं। मकान मालिक न लें किराया साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर गरीब, दिहाड़ी मज़दूर को सरकार एक हज़ार रूपए देगी. वो भले ही प्रदेश के किसी भी कोने में हो, उन्हें पैसा पहुंचाया जाए. साथ ही मुख्यमंत्री ने मानवीय अपील करते हुए कहा है कि पूरे प्रदेश में अल्प वेतन भोगी, श्रमिकों या गरीब लोगों से मकान मालिक किराया न लें. इसके साथ ही प्रदेश के अलग-अलग हिस्से में किराये पर रह रहे लोगों को लेकर भी सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं. जिसके तहत किसी की भी बिजली, पानी बकाए के चलते नहीं काटी जाएगी. बराबर आपूर्ति बनी रहेगी। बाहरी राज्यों के कामगारों को राहत देने की अपील बैठक में अधिकारियों के साथ बातचीत में सीएम योगी ने कहा है कि यूपी में जो भी आ गए हैं, या पहले से रह रहे हैं, उनकी पूरी ज़िम्मेदारी हमारी है. उन्हें भोजन, शुद्ध पानी, दवा देने की जिम्मेदारी हमारी है. उनके चलते बाक़ी लोगों के स्वास्थ्य का कोई ख़तरा भी नहीं पैदा होने देंगे. वो अपने राज्य में नहीं जाना चाहते तो भी कोई बात नहीं. सबकी हिफ़ाज़त मेरी ज़िम्मेदारी है. जो बाहरी राज्यों के कामगार हैं, उनकी दैनिक ज़रूरतों और आर्थिक ज़रूरतों की चिंता अधिकारी करें, ताकी वे अपने-अपने राज्यों के लिए पलायन न करें. जो चुनौती हमारे राज्य पर आई है, पलायन के चलते हम नहीं चाहते कि बाकी राज्यों के सामने ये चुनौती आए।

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